रहस्यमय दुनिया
,,कई बार ऐसा लगता है कि मैं किसी दूसरी दुनिया में हूं ।कोई मेरे सामने खड़ा है और मुझे देख रहा है.., कोई मुझे घूर रहा है ।
...वह मुझसे कुछ करवाना चाहता है। वह मुझे खींचना चाहता है.. । मुझे ऐसा लगता है मैं डूब रही हूं ..कहीं गिरती जा रही हूं.. मुझे नहीं पता..मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है?,,
सुरभि डॉक्टर से अपनी बीमारी के बारे में बता रही बता रही थी ।
डॉक्टर बड़े ध्यान से उसकी बातें सुन रही थी। उसने कहा
,,सुरभि , तुम्हें मेरी नहीं ,तुम्हें एक मनोचिकित्सक की जरूरत है । तुम बहुत ज्यादा काम के बोझ से थक गई हो या कोई बातें जो तुम्हें परेशान कर रही है.. जिसके कारण तुम्हें यहां से खयालात आते हैं
और ऐसी चीजें दिखते हैं जिनका कोई वजूद नहीं होता है।
यह बीमारी का लक्षण है जब नींद नहीं पूरी होती है या कोई नस दब जाती है यदि शरीर में कमी हो जाती है तब ऐसे ख्यालात जो हमारे अवचेतन मन में हमारे बैठे रहते हैं जो हम मनोरंजन की दृष्टि से देखना चाहते हैं चाहे वह कहानी हो या फिल्म या सीरियल हो वह हमें अपनी हकीकत की दुनिया में दिखने लगते हैं ।
यह एक मानसिक बीमारी है। ऐसे कमी को दूर करने के लिए मनोचिकित्सक की जरूरत होती है ।
बाकी कुछ विटामिन और बॉडी सप्लीमेंट दवाइयों का नाम लिख रही हूं ह..खाकर देखो ..।
और हाँ .. निखिल भारद्वाज..यह मेरे साथी मनोचिकित्सक मित्र हैं, उनके पास जाकर मिल लो।,,
सुरभि डॉक्टर मल्होत्रा को हजारों बार यकीन दिलाने लगी कि यह सब उसका वहम नहीं बल्कि सच है।
लेकिन डॉक्टर मल्होत्रा सुनने समझने को तैयार नहीं थी कि सुरभि सही बोल रही है ।उसकी बातें सच भी हो सकती है
आखिर कैसे भी उन्हें यकीन होता।
अमन सुरभि का पति , इतना सुंदर सुदर्शन युवक, इतना प्यार करने वाला पति ,जबरदस्त पर्सनालिटी।
उससे मिलकर डॉक्टर मल्होत्रा खुद ही इंप्रेस हो गई थी।
सुरभि का पति यकीन दिलाते हुए कहा
,, सुरभि को आजकल अजीब सी चीजें दिखता है उसे सुनाई देता है ?पता नहीं ऐसा क्या हो गया है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा?,,
डॉ. मल्होत्रा मुस्कुराकर पूरा कर बोली
उसे किसी रेस्टोरेंट में ले जाओ और खाना खिलाओ।
थोड़ा हंस बोल कर बात करो ।दिल बहलेगा तो उसे उटपटांग सपने नहीं आएंगे उटपटांग बातें नहीं सोचेगी ।
थोड़ा उसे टाइम दिया कीजिए । नहीं तो या सच में मानसिक रोगी हो जाएगी ।,,
***
घर आने के बाद सुरभि ने खाना बनाया सब को खाना खिलाया ।
फिर अपने बिस्तर पर जाकर लेट गई।
अमन और सुरभि ने प्रेम विवाह किया था।
जिस ऑफिस में सुरभी काम करती थी उसी ऑफिस में अमन ट्रांसफर होकर आया था ।
धीरे-धीरे दोनों में प्रेम का परवान चढ़ा और दोनों ने शादी कर ली।
कुछ दिनों तक ठीक रहा लेकिन फिर सुरभी की तबीयत हमेशा गिरती हुई नजर आने लगी ।
वह हमेशा ही बीमार रहने लगी थी ।उसेक्या होता था उसे कुछ समझ में नहीं आता था ।
हर समय कमजोरी, थकान , भूलने की बीमारी होती जा रही थी
अंत में उसने डॉक्टर मल्होत्रा के पास गई।डा. मलहोत्रा एक बेहतरीन स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं उससे ज्यादा बहुत ही सुलझी हुई महिला।
बहुत देर विचार मंथन करने के बाद सुरभि को लगा कि उससे किसी और से बात करनी चाहिए।
अचानक उसे याद आया उसकी दोस्त पायल ।
पायल ने ज्योतिष विद्या में स्नातकोत्तर किया हुआ था।
हालांकि पिछले कई वर्षों से उससे बातचीत भी नहीं हो पा रही थी मिलना जुलना भी नहीं हो पा रहा था क्योंकि दोनों दोस्त अलग शहरों में रहते थे।
लेकिन फेसबुक और फोन नंबर पर कांटेक्ट था ही।
कुछ सोच समझकर सभी ने अपनी दोस्त को व्हाट्सएप किया और अपना हाल-चाल बताया।
संजोग से पायल अगले दिन उसके शहर आने वाले थी। सुरभि ने सबकुछ तैयार कर लिया।
सुरभि ने पायल के आने की खबर किसी को नहीं दी यहां तक कि अपने पति अमन को भी ।
अमन जब ऑफिस चला गया तब उसने पायल को फोन किया और कहा कि घर आ जाओ ।
पायल घर आ गई ।
पायल ने घर में घुसते के साथ कहा सुरभि , तू बहुत ज्यादा खतरे में है ।
तू मान या ना मान तेरी जिंदगी मुसीबत में है।
सुरभी डर गई
,,यह तू क्या कर रही है .?,,
पायल ने कहा
,,तुम्हारी शरीर पर अक्सर चोट का निशान आता है जैसे किसी नाखून के नोचने का या दांत के काटने का ?,,
सुरभि ने कहा
,, ऐसा होता है पायल ,कभी मेरे बालों के गुच्छे कपड़े मिलते हैं। कभी पैरों पर चोट आ जाती है। कभी हाथ पर नाखूनों के निशान आ जाते हैं ।,,
,,सुरभि, मैं कुछ पूजा कर रही हूं ।
मुझे नहीं पता मैं कितनी कारगर हूं ।हां मैं एक ज्योतिषाचार्य हूं और मैंने इसमें ही स्नातकोत्तर किया है ।
इसलिए मैं कुछ यहां कुछ विशेष कर जा रही हूं। हो सकता है कि तुम बच जाओ और इस जाल से बाहर निकल जाओ।,,
,,मुझे क्यों डरा रही है साफ-साफ बताओ .?.,,सुरभि ने कहा।
पायल ने कहा
,, सुरभि, आज रात तक तुम्हें सब कुछ समझ में आ जाएगा मैं तुम्हें बोलकर डराना नहीं चाहती।,,
पायल ने कुछ विशेष रूप से पूजा और तंत्र मंत्र किया।
आटे की गोली बनाकर उस पर हल्दी और तेल लगाकर रसोई घर पर रख दिया और चली गई।
शाम को अमन भोजन के बाद सुरभी के पास बेडरूम में पहुंचा।
उसने उससे बहुत प्यार से गले लगा कर उसका हालचाल पूछा।फिर उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाने का वादा भी किया।
आज सुरभी बहुत ही अलर्ट थी।वह अमन पर निगाह रखी हुई थी।
,,चलो सुरभी, अब सोया जाए।,,यह कहकर अमन ने ट्यूबलाइट बंद कर ऑरेन्ज लाइट जला दिया।
,,अमन,यह क्या? इस लाइट में सुरभी अपना सुधबुध खोने लगती थी।वह बेहोशी में डूबने लगी।
लेकिन तभी एक जोरदार चिंघाड़ की आवाज आई और सुरभी की तंद्रा टूट गई।
सामने एक पिशाच खड़ा था।
अमन...तुम..!,सुरभी बस यही बोल पाई।
,,तो तुम मुझ से चालाकी कर रही हो.. सब पता चल गया है मुझे... तुम और तुम्हारी दोस्त दोनों मिलकर मुझे भगाना चाहते हो..?,,
सामने अमन ही था लेकिन उसके कान बड़े बड़े हो गए थे।सामने दो दांत निकल गए थे और वह गिरगिट की तरह रंग बदल रहा था।
सुरभी यह देखकर बेहोश हो गई। तभी बाहर दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी।
अमन को सब पता चल गया था।बाहर पायल पुलिस को लेकर आई थी।
अमन खिड़की के रास्ते से उड़कर भाग गया।
उसके जाते ही सुरभि के ऊपर से माया का जाल हट गया। वह होश में आ गई।
दरवाजा नहीं खुला तो पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया।
सारी स्थिति समझकर सुरभि डरकर रो पड़ी। पायल ने उसे गले लगा लिया।
,,मैडम, आपका खून पीकर पिशाच अपनी भूखप्यास बुझाया करता था।इसी कारण आपको मतिभ्रम, थकान और तमाम बीमारीयों का आभास होता था।
अब आप आजाद हैं।,,
सुरभि अब भी सोच में थी।क्या सचमुच ऐसा होता भी है।यह वही दुनिया है या कोई और..!
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सीमा..✍️🌹
©®
#लेखनी कहानी प्रतियोगिता
Chetna swrnkar
11-Oct-2022 06:50 AM
Very nice 👍
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MR SID
05-Aug-2022 05:16 PM
Bahut sundar
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Madhumita
05-Aug-2022 02:58 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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